आजकल तेजी से बदलती जीवनशैली, बढ़ती उम्र और कई प्रकार की मेडिकल स्थितियों के कारण संतान प्राप्ति की समस्या आम होती जा रही है। ऐसे में आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) यानी कि टेस्ट ट्यूब बेबी उपचार उन दंपतियों के लिए एक वरदान साबित हुआ है, जो लंबे समय से माता-पिता बनने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण नहीं कर पा रहे।
लेकिन सवाल यह है – आईवीएफ कब ज़रूरी होता है? किन स्थितियों में डॉक्टर इसकी सलाह देते हैं? आइए विस्तार से समझते हैं।
आईवीएफ एक आधुनिक सहायक प्रजनन तकनीक (Assisted Reproductive Technology) है, जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु को प्रयोगशाला में मिलाया जाता है। सफल निषेचन (Fertilization) के बाद बने भ्रूण (Embryo) को महिला के गर्भाशय में स्थापित कर दिया जाता है, ताकि वह वहीं से सामान्य गर्भधारण की प्रक्रिया पूरी कर सके।
हर दंपति को शुरुआत में प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण की सलाह दी जाती है। लेकिन जब कई बार कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिलती, तब डॉक्टर आईवीएफ की संभावना पर विचार करने की सलाह देते हैं।
निम्नलिखित स्थितियों में IVF ज़रूरी हो सकता है:
1. महिला की उम्र अधिक होने पर
उम्र बढ़ने के साथ महिला के अंडाणुओं (eggs) की संख्या और गुणवत्ता कम हो जाती है। विशेषकर 35 वर्ष के बाद प्राकृतिक गर्भधारण की संभावना तेजी से घट जाती है। ऐसे में IVF एक कारगर विकल्प है।
2. फैलोपियन ट्यूब की समस्या
अगर महिला की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो चुकी हो या सही से काम न कर रही हो, तो अंडाणु और शुक्राणु का प्राकृतिक मिलन संभव नहीं होता। IVF में यह बाधा दूर हो जाती है।
3. पुरुषों में शुक्राणु की समस्या
जिन पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो, आकार या गति (motility) असामान्य हो, वहां भी IVF का सहारा लिया जा सकता है। कभी-कभी ICSI नामक विशेष तकनीक के साथ संभव IVF कराया जाता है।
4. एंडोमीट्रियोसिस (Endometriosis)
यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ गर्भाशय की परत (Endometrium) बाहर की ओर बढ़ जाती है, जिससे महिला में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। गंभीर मामलों में IVF एक उपयोगी समाधान है।
5. अज्ञात कारण से बांझपन (Unexplained Infertility)
कभी-कभी सभी टेस्ट सामान्य आने के बावजूद गर्भधारण नहीं हो पाता। ऐसे मामलों को "Unexplained Infertility" कहते हैं। अगर लंबे समय तक दंपति को सफलता न मिले, तो IVF की सलाह दी जाती है।
6. बार-बार गर्भपात होना
कुछ महिलाओं में बार-बार गर्भ धारण करने के बाद भी गर्भ टिक नहीं पाता। कई मामलों में IVF और Embryo Screening (PGT) जैसी तकनीक से स्वस्थ भ्रूण चुनकर गर्भधारण की संभावना बढ़ाई जा सकती है।
7. पूर्व असफल IUI या अन्य उपचार
जब IUI (Intrauterine Insemination) जैसे शुरुआती उपचार बार-बार असफल हो जाते हैं, तो IVF को अगला कदम माना जाता है।
आईवीएफ उन दंपतियों के लिए एक वैज्ञानिक और असरदार उपचार है, जिनके लिए प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं हो पा रहा। हालांकि हर दंपति की स्थिति अलग होती है, इसलिए IVF का निर्णय हमेशा अनुभवी फर्टिलिटी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही लेना चाहिए।
Sehgal Nursing Home आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की टीम के साथ दंपतियों को IVF और अन्य फर्टिलिटी उपचार उपलब्ध कराता है। हमारा उद्देश्य है – हर दंपति के मातृत्व और पितृत्व के सपने को साकार करना।
क्या आप जानना चाहते हैं कि आपकी स्थिति में IVF सही विकल्प है या नहीं? आज ही Sehgal Nursing Home से अपॉइंटमेंट बुक करें और विशेषज्ञ परामर्श प्राप्त करें।
© 2024 Sehgal Nursing Home, Inc. All rights reserved | Website designed by Digital Net India