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Author:

Sehgal Nursing Home

Published Date

August 05, 2025

Category

Infertility

बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या: कारण, लक्षण और उनके समाधान


बांझपन (इनफर्टिलिटी) की समस्या: कारण, लक्षण और उनके समाधान

सेहगल नर्सिंग होम में हम हर दंपत्ति के सुखी जीवन के महत्व को समझते हैं। माता-पिता बनना जीवन का एक अनमोल अनुभव है, लेकिन बहुत से दंपत्तियों को संतान प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को चिकित्सकीय भाषा में इनफर्टिलिटी या बांझपन  कहा जाता है। सही जानकारी और विशेषज्ञ डॉक्टरों के मार्गदर्शन से इस समस्या का समाधान संभव है।

बांझपन क्या है?

जब कोई दंपत्ति एक वर्ष तक नियमित प्रयास करने के बावजूद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण नहीं कर पाता, तो इसे बांझपन कहा जाता है। पुरुष और महिला दोनों ही कारण इसका हिस्सा हो सकते हैं।

बांझपन के प्रमुख कारण

महिलाओं में बांझपन के कारण

  • ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) की समस्या – अंडाशय से अंडाणु का न निकलना।
  • पीसीओडी/पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome)
  • फैलोपियन ट्यूब की रुकावट
  • एंडोमेट्रियोसिस
  • बढ़ती उम्र (35 वर्ष से ऊपर)
  • हार्मोनल असंतुलन

पुरुषों में बांझपन के कारण

  • शुक्राणुओं की संख्या कम होना
  • शुक्राणुओं की गुणवत्ता में कमी
  • स्पर्म की गति कमजोर होना
  • हार्मोनल या जेनेटिक समस्या
  • धूम्रपान, शराब और अस्वस्थ जीवनशैली

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बांझपन के लक्षण

  • महिलाओं में अनियमित माहवारी या माहवारी का न होना
  • अत्यधिक या बहुत कम रक्तस्राव
  • योनि संक्रमण या पेल्विक दर्द
  • पुरुषों में यौन इच्छा में कमी
  • स्खलन में समस्या
  • लंबी अवधि तक प्रयासों के बावजूद गर्भधारण न होना

बांझपन के आधुनिक समाधान

सेहगल नर्सिंग होम में उपलब्ध नवीन तकनीक और अनुभवी विशेषज्ञों की टीम निम्न उपचार प्रदान करती है:

  1. दवाइयाँ और हार्मोन थेरेपी – ओव्यूलेशन को नियंत्रित करने और स्पर्म की गुणवत्ता सुधारने के लिए।
  2. IUI (Intra Uterine Insemination) – बेहतर शुक्राणुओं को सीधे गर्भाशय में पहुँचाया जाता है।
  3. IVF (In Vitro Fertilization) – टेस्ट-ट्यूब बेबी तकनीक जिसमें अंडाणु और शुक्राणुओं को बाहरी लैब में मिलाकर भ्रूण गर्भाशय में डाला जाता है।
  4. ICSI (Intra Cytoplasmic Sperm Injection) – कठिन मामलों में एक ही शुक्राणु को सीधे अंडाणु में डाला जाता है।
  5. लैप्रोस्कोपी और हिस्टेरोस्कोपी सर्जरी – ट्यूब ब्लॉकेज या एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं के लिए।
  6. जीवनशैली में सुधार – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से दूरी, तनाव प्रबंधन।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. बांझपन की पहचान कब करानी चाहिए?
यदि एक वर्ष तक प्रयास के बाद भी गर्भधारण न हो, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को 6 महीने बाद ही परामर्श लेना जरूरी है।

Q2. क्या केवल महिलाएँ ही बांझपन के लिए जिम्मेदार होती हैं?
नहीं, यह समस्या पुरुष और महिला दोनों में हो सकती है। लगभग 40% मामलों में कारण पुरुषों से जुड़े होते हैं।

Q3. क्या IVF या IUI से हमेशा बच्चा हो सकता है?
सफलता दर कई फैक्टरों पर निर्भर करती है जैसे उम्र, हार्मोन लेवल और स्वास्थ्य स्थिति। विशेषज्ञ की देखरेख में सही उपचार से अधिकतर मामलों में सफलता मिलती है।

Q4. बांझपन से बचाव संभव है क्या?
कुछ हद तक—जैसे संतुलित जीवनशैली अपनाना, धूम्रपान और शराब से दूरी रखना, समय पर इलाज कराना।

निष्कर्ष

बांझपन एक इलाज़ योग्य समस्या है। सही समय पर जांच, विशेषज्ञ की सलाह और आधुनिक तकनीक के ज़रिए माता-पिता बनने का सपना पूरा किया जा सकता है।

सेहगल नर्सिंग होम में हमारा लक्ष्य है हर दंपत्ति को पूर्ण सहयोग और सफल उपचार प्रदान करना।

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